Madhu varma

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लेखनी कविता -स्वागत में - भवानीप्रसाद मिश्र

स्वागत में / भवानीप्रसाद मिश्र

मन में

जगह है जितनी

उस सब में मैंने

फूल की

पंखुरियां

बिछा दी हैं यों

कि जो कुछ

मन में आए

मन उसे

फूल की पंखुरियों पर

सुलाए !

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